ऊपर वाले के प्लान को समझना है तो ये कहानी पढ़े – God’s Plan MOTIVATIONAL STORY

किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि कितना भी ज्ञानियों के साथ बैठ लो तजुर्बा तो जीवन में बेवकूफ बनने के बाद ही आता है। God’s Plan MOTIVATIONAL STORY – एक बार यमराज ने अपने देवदूत को धरती पर भेजा एक स्त्री की आत्मा लाने के लिए देवदूत जब धरती पर आए तो देखते हैं कि उस महिला की तीन छोटी बच्चियां हैं।

तीनों का रो-रो के बुरा हाल हो रखा है घर में पति की पहले ही मौत हो चुकी है कोई संभालने वाला नहीं है देवदूत का हृदय पिघल गया व लौट के वापस यमराज के पास गए खाली हाथ और कहा कि क्षमा करना मैं आत्मा नहीं ला पाया आपको पता नहीं नीचे क्या चल रहा है।

उसकी तीन छोटी बच्चियां कौन संभालेगा और वह जो महिला है उसके घर में कोई बचा भी नहीं है उन बच्चियों का ख्याल रखने वाला मुझसे नहीं हो पाया मैं तो कहता हूं कि आप उसे थोड़ा और जीवन दो ताकि उसकी बच्चियां बड़ी हो जाए उसके बाद उसे बुला लेना उसकी आत्मा को बुला लेना।

God’s Plan MOTIVATIONAL STORY

यमराज क्रोधित हो गए उन्होंने कहा कि अच्छा मतलब तुम उससे बड़े हो गए उससे ज्यादा समझदार हो गए जो मृत्यु और जन्म निश्चित करता है तुमने अपने जीवन का सबसे बड़ा पाप कर दिया तुम्हें धरती पर जाना होगा और इस सजा को भोगना होगा तुम जब तक अपनी मूर्खता पर तीन बार ना हंस लो तब तक तुम वापस नहीं आ सकते।

देवदूत को तब भी लग रहा था कि मैं सही हूं लेकिन सजा मिल गई थी भोगनी थी तो अपना दंड भोगने के लिए देवदूत जो था उसी देश में उसी धरती पर आ गिरा जहां से वह आत्मा लेने के लिए गया था एक शहर में सड़क किनारे फटे हाल जो है मनुष्य रूप में पड़ा हुआ था गांव से एक जूता बनाने वाला कारीगर शहर में आया हुआ था।

अपने बच्चों के लिए गर्म कपड़े और कंबल ले जाने के लिए क्योंकि सर्दियों के दिन थे उसने देखा कि एक गरीब आदमी सड़क किनारे मुझसे भी गरीब फटे हाल पड़ा हुआ है तो उसने सोचा कि ये जो गरीब है इसकी पहले मदद करते हैं उसने उस देवदूत के लिए जो मनुष्य बन कर के वहां पड़ा हुआ था उसके लिए गर्म कपड़े कंबल खरीदा और बातों-बातों में मालूम चला कि रहने के लिए जगह नहीं है तो उसे कहा चल भाई मेरे घर ही रह लेना।

दौलत से भर जाएगा बहुत सारा धन

जब साथ लेकर जा रहा था तो कारीगर ने समझाया कि भाई मेरी पत्नी गुस्सा करेगी क्योंकि पैसे बहुत मुश्किल से जमा किए थे हमारे बच्चों के लिए कपड़े लाने थे। मैंने तुम्हारे लिए ले लिए वो जो भी बोले सुन लेना घर पहुंचे तो कारीगर की पत्नी ने गुस्सा करना शुरू किया देवदूत को जोर से हंसी आई कि समझ ही नहीं पा रही है कि घर में कौन आ गया देवदूत आ गया पूरा घर जो है दौलत से भर जाएगा बहुत सारा धन होगा ऐश्वर्य होगा, संपदा होगी समझ नहीं पा रही है।

बस यह देख रही है कि भाई मेरे बच्चों के कपड़े नहीं आए वैसे भी इंसान ज्यादा दूर का कहां देख पाता है तो कारीगर ने पूछा भाई हंस क्यों रहे हो तो उसने कहा मैं अभी नहीं बताऊंगा तीन बार हंस लू तो फिर पूरी बात बताऊंगा कारीगर की पत्नी ने थोड़ा गुस्सा उस्सा किया उसके बाद वो रहने लग गया।

देवदूत जो काम कारीगर कर रहा था जूता बनाने का देवदूत ने करना शुरू किया और इतना कमाल का काम करना शुरू किया कि पूरे देश में खयाती फैल गई यहां तक कि उस देश के सम्राट के जूते भी वहीं से बनने लगे एक दिन सम्राट का आदमी आया उसके पास थोड़ा सा चमड़ा था उसने कहा कि बहुत कीमती चमड़ा है इससे सम्राट के लिए जूते बनाने है ध्यान रखना जूते बनाने है चप्पल नहीं बनानी है।

क्योंकि उस देश की प्रथा थी कि चप्पल तब पहनाई जाती थी जब इंसान की मृत्यु हो जाए चप्पल पहना कर के उसे मरघट तक ले जाते थे तो उसने कहा भाई ध्यान रखना जूते बनाने चप्पल नहीं बनानी चमड़ा बहुत लिमिटेड है देवदूत को तो सब पता था उसने चप्पल बना दी जो कारीगर था जूता बनाने वाला जो लेकर आया था उसे अपने घर में उसे गुस्सा आ गया उसने कहा तुझे समझ नहीं आती तू मुझे मरवाएगा और फ़ासी दिलवाए सम्राट के लिए जूते बनाने थे इतना ही चमड़ा बचा था तने चप्पल क्यों बना दी।

लकड़ी उठा कर के उसे मारने लगा

लकड़ी उठा कर के उसे मारने लगा तभी सम्राट का आदमी दौड़ता हु आया और कहने लगा कि सुनो उस चमड़े से तुमने जूते तो नहीं बना दिए उस चमड़े से चप्पल बना दो क्योंकि सम्राट की मृत्यु हो गई है और सम्राट तो चाहते थे उस चमड़े से बने हुए जूते पहनना लेकिन चप्पल पहनाकर ही उन्हें मरघट तक ले जाया जाए।

इन्होंने तुरंत चप्पल लाकर के रख दी कि तैयार है सम्राट के आदमी को सूझा नहीं फटाफट लेकर के भाग गया जो जूते बनाने वाला कारीगर था व देवदूत से कहने लगा कि भाई तुम्हें कैसे पता था यह जोर से हसने लगा देवदूत इसने कहा कि अभी कुछ मत पूछो बाद में बताऊंगा एक दिन और घटना घटी तीन लड़किया एक बूढ़ी महिला के साथ में इनके यहाँ आती कहती हमारी शादी होने जा रही है बढ़िया से हमें जो है सैंडलस बनवाने है

और यह पहचान जाता है कि ये तो तीनों वही बच्चियां हैं जिनकी मां की आत्मा लेने के लिए मैं आया था धरती पर ये बूढ़ी महिला से पूछता है कि बच्चियां कौन है तो बूढ़ी महिला बताती कि हमारे पड़ोस में गरीब महिला रहती थी उसकी तीन बच्चियां थी मेरे कोई संतान नहीं थी इनकी मां की बचपन में ही मृत्यु हो गई तो मैंने इन तीनों बच्चों को पाला उस दिन देवदूत को समझ में आया कि अगर मैं उस दिन उस महिला की आत्मा को लेकर के नहीं जाता यहीं छोड़ देता जोक मैंने किया बाद में कोई और देवदूत लेकर के गए।

लेकिन अगर वैसा होता कि वो महिला और जीती तो ये तीनों बच्चियां गरीबी में पलती हैं इन तीनों बच्चियों का जो भाग्य था पहले ही लिख दिया गया था इन्हें किसी अमीर घर में पलना था धन ऐश्वर्य संपदा के साथ पलना था अमीर घर में इनकी शादी होने जा रही इनका जीवन ऐश्वर्य से संपन्न हो गया और इन्हें मां का प्यार भी मिला।

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एक ऐसी महिला के रूप में जो कि बहुत करुणा वान है उस दिन देवदूत तीसरी बार हंसा जोर-जोर से हंसा और जूते बनाने वाले कारीगर ने पूछा कि भाई अब तो बता दे तब देवदूत ने पूरी बात समझाई और कहा कि मैं अपना दंड भोग रहा था मुझे आज समझ में आ गया कि जो ऊपर वाले का खेल है।

Join Fast and Use All Trick

उससे बेहतर कोई जानता नहीं है इसलिए क्या होगा कैसे होगा अच्छा होगा बुरा होगा सौभाग्य होगा दुर्भाग्य होगा यह सब सोचना बंद कीजिए और अपने जीवन को जीना शुरू कीजिए एक बार फिर से वही बात जो अक्सर आपसे कहता हूं ऊपर वाले के आशीर्वाद अपनी मेहनत और अपनों के प्यार के साथ कर दिखाओ को जैसा कि दुनिया करना चाहे आपके जैसा…

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